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Praveen Kumar
Aug 27, 2018 rated it it was amazing  ·  review of another edition
Brilliant prose

इस पुस्तक का शिल्प अद्भुत् है। ऐसे शिल्प अगर मिलते हैं तो भारी-भरकम शब्दों में कहीं भाव छुपे होते हैं। यहाँ भाव मुखर है, शब्द रोजमर्रा के हैं।
Varsha Sharma
Aug 14, 2024 rated it it was amazing
घर बाहर जाने के लिए उतना नहीं होता जितना लौटने के लिए होता है। ♥️

बहुत अच्छा अनुभव रहा इस उपन्यास को पढ़ना।

जीवन की कठिन वास्तविकताओं को सरल शब्दों में एक निम्न मध्यम वर्गीय वेतनभोगी कर्मचारी संतु के खूबसूरती दृष्टिकोण से दर्शाया गया है ।
Sharmilee Patel
Jan 20, 2017 marked it as to-read