

“Just remember, kid, you can quicker get back a million dollars that was stole than a word that you gave away.”
― A View from the Bridge: A Play in Two Acts
― A View from the Bridge: A Play in Two Acts

“-स्वामीजी, दुसरे देशो में लोग गाय की पूजा नही करते, पर उसे अच्छी तरह रखते है और वह बहुत खूब दूध देती है।
- बच्चा , दूसरे देशो की बात छोडो। हम उनसे बहुत ऊँचे है। देवता इसीलिय सिर्फ हमारे यहाँ अवतार लेते है। दुसरे देशो में गाय दूध के उपयोग के लिए होती है, हमारे यहाँ दँगा करने, आंदोलन करने के लिए होती है। हमारी गाय और गायो से भिन्न है।
- स्वामीजी, और सब समस्याएं छोड़कर आप लोग इसी एक काम में क्यों लग गए है?
- इसी से सब हो जाएगा बच्चा! अगर गोरक्षा का क़ानून बन जाए तो यह देश अपने आप समृध्द हो जाएगा। फ़िर बादल समय पर पानी बरसाएंगे, भूमि खूब अन्न देगी और कारखाने बिना चले भी उत्पादन करेंगे। धर्म का प्रताप तुम नही जानते। अभी जो देश की दुर्दशा है, वह गौ के अनादर के कारण ही है।
- एक और बात बताइये। कई राज्यो में गौ रक्षा के लिए क़ानून है बाकी में समाप्त हो जाएगा। आगे आप किस बात पर आंदोलन करेंगे?
- अरे बच्चा, आंदोलन के लिए बहुत विषय है। सिंह दुर्गा का वाहन है। उसे सर्कस वाले पिंजरे में बंद करके रखते है और उससे खेल कराते है। यह अधर्म है। सब सर्कसो के खिलाफ आंदोलन करके, देश के सारे सर्कस बन्द करवा देंगे। फिर भगवान का एक अवतार मत्स्यावतर भी है। मछली भगवान का प्रतीक है। हम मछुओ के खोलाफ आंदोलन छेड़ देंगे। सरकार का मत्स्यपालन विभाग बन्ध करवा देंगे।
- स्वामीजी उल्लू लक्ष्मी जी का वाहन है। उसके लिए भी तो कुछ करना चाहिये।
- यह सब उसीके लिए तो कर रहे है, बच्चा! इस देश में उल्लू को कोई कष्ट नही है। वह मजे में है।”
― निठल्ले की डायरी
- बच्चा , दूसरे देशो की बात छोडो। हम उनसे बहुत ऊँचे है। देवता इसीलिय सिर्फ हमारे यहाँ अवतार लेते है। दुसरे देशो में गाय दूध के उपयोग के लिए होती है, हमारे यहाँ दँगा करने, आंदोलन करने के लिए होती है। हमारी गाय और गायो से भिन्न है।
- स्वामीजी, और सब समस्याएं छोड़कर आप लोग इसी एक काम में क्यों लग गए है?
- इसी से सब हो जाएगा बच्चा! अगर गोरक्षा का क़ानून बन जाए तो यह देश अपने आप समृध्द हो जाएगा। फ़िर बादल समय पर पानी बरसाएंगे, भूमि खूब अन्न देगी और कारखाने बिना चले भी उत्पादन करेंगे। धर्म का प्रताप तुम नही जानते। अभी जो देश की दुर्दशा है, वह गौ के अनादर के कारण ही है।
- एक और बात बताइये। कई राज्यो में गौ रक्षा के लिए क़ानून है बाकी में समाप्त हो जाएगा। आगे आप किस बात पर आंदोलन करेंगे?
- अरे बच्चा, आंदोलन के लिए बहुत विषय है। सिंह दुर्गा का वाहन है। उसे सर्कस वाले पिंजरे में बंद करके रखते है और उससे खेल कराते है। यह अधर्म है। सब सर्कसो के खिलाफ आंदोलन करके, देश के सारे सर्कस बन्द करवा देंगे। फिर भगवान का एक अवतार मत्स्यावतर भी है। मछली भगवान का प्रतीक है। हम मछुओ के खोलाफ आंदोलन छेड़ देंगे। सरकार का मत्स्यपालन विभाग बन्ध करवा देंगे।
- स्वामीजी उल्लू लक्ष्मी जी का वाहन है। उसके लिए भी तो कुछ करना चाहिये।
- यह सब उसीके लिए तो कर रहे है, बच्चा! इस देश में उल्लू को कोई कष्ट नही है। वह मजे में है।”
― निठल्ले की डायरी

“निंदा का उद्गम ही हीनता और कमजोरी से होता है. मनुष्य अपनी हीनता से दबता है. वह दूसरों की निंदा करके ऐसा अनुभव करता है कि वे सब निकृष्ट हैं और वह उनसे अच्छा है. उसके अहम् की इससे तुष्टि होती है. बड़ी लकीर को कुछ मिटाकर छोटी लकीर बड़ी बनती है. ज्यों-ज्यों कर्म क्षीण होता जाता है, त्यों-त्यों निंदा की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है. कठिन कर्म ही ईर्ष्या-द्वेष और इनसे उत्पन्न निंदा को मारता है. इंद्र बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है क्योंकि वह निठल्ला है. स्वर्ग में देवताओं को बिना उगाया अन्न, बे बनाया महल और बिन-बोये फल मिलते हैं. अकर्मण्यता में उन्हें अप्रतिष्ठित होने का भय रहता है, इसलिए कर्मी मनुष्यों से उन्हें ईर्ष्या होती है.”
― तिरछी रेखाएँ
― तिरछी रेखाएँ

“And my own affairs were as bad, as dismal, as the day I had been born. The only difference was that now I could drink now and then, though never often enough. Drink was the only thing that kept a man from feeling forever stunned and useless. Everything else just kept picking and picking, hacking away. And nothing was interesting, nothing. The people were restrictive and careful, all alike. And I've got to live with these fuckers for the rest of my life, I thought. God, they all had assholes and sexual organs and their mouths and their armpits. They shit and they chattered and they were dull as horse dung. The girls looked good from a distance, the sun shining through their dresses, their hair. But get up close and listen to their minds running out of their mouths, you felt like digging in under a hill and hiding out with a tommy-gun. I would certainly never be able to be happy, to get married, I could never have children. Hell, I couldn't even get a job as a dishwasher.”
― Ham on Rye
― Ham on Rye
Pranjal’s 2024 Year in Books
Take a look at Pranjal’s Year in Books, including some fun facts about their reading.
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